मजदूर दिवस पर मध्यप्रदेश के एक लाख 25 हजार अतिथि हुए बेरोजगार
मजदूर दिवस (1 मई) पर मध्य प्रदेश के 1.25 लाख अतिथि शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी गईं। इनमें से 80,000 शिक्षक स्कूल शिक्षा विभाग और 45,000 आदिवासी विभाग से थे। हालांकि, जुलाई में इनकी फिर से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाएगी, लेकिन पूर्व में किए गए वादे के विपरीत ये शिक्षकों को इस बार बाहर का रास्ता दिखाया गया है।

मजदूर दिवस पर एक मई को प्रदेश के 1 लाख 25 हजार अतिथि शिक्षक बेरोजगार हो गए हैं। अब अतिथि शिक्षकों की दोबारा नियुक्ति की प्रक्रिया जुलाई में शुरू होगी।
प्रदेश की स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षकों के करीब 80 हजार पद खाली हैं। इन पदों के विरुद्ध अतिथि शिक्षकों की पदस्थापना की जाती है। पूर्व में अतिथि शिक्षक दस माह के लिए पदस्थ किए जाते थे। अतिथि शिक्षकों की पदस्थापना एक जुलाई से 30 अप्रैल तक होती थी। बाद में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अतिथि शिक्षकों को मई व जून में भी वेतन देने का ऐलान किया था। इससे इस बार माना जा रहा था कि अतिथि शिक्षकों की सेवाएं समाप्त नहीं होंगी, लेकिन एक मई को अतिथि शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के सचिव रविकांत गुप्ता ने कहा कि पूर्व में आयोजित अतिथि शिक्षकों की पंचायत में एक साल का अनुबंध करने की घोषणा की गई थी, लेकिन अब 1 लाख 25 हजार अतिथि शिक्षकों को बाहर कर दिया है। इसमें 80 हजार स्कूल शिक्षा विभाग और 45 हजार आदिवासी विभाग के शिक्षक शामिल हैं।