फिर सामने आया ठेकेदार और इंजीनियर का गठबंधन, सौन्दर्यीकरण के नाम पर शासकीय राशि का दुरुपयोग

सतना। नगर निगम के इंजीनियर और ठेकेदारों के बीच चल रहे गठबंधन के चलते शहर में सौन्दर्यीकरण के नाम पर शासकीय राशि का जमकर दुरूपयोग किया जा रहा है। शहर में कई ऐसे काम हैं जिनमें निगम के इंजीनियरों की शह पर संविदाकारों द्वारा गुणवत्ताविहीन कार्य किया जा रहा है। अगर मौजूदा समय में कल्याण पेट्रोल पम्प से लेकर नाले तक की सड़क के चौड़ीकरण और डस्ट फ्री सिटी के नाम पर लगाए जा रहे पेवर्स के साथ ग्रीन वर्ज (लघु वाटिका ) के ही कार्य की बात करे तो  लगभग तीस लाख का यह कार्य उस  ठेकेदार द्वारा ही किया जा रहा है जिस पर पहले भी पेवर्स का घटिया काम करने के आरोप लग चुके हैं।

पन्ना नाका के पास इन दिनों पेपर्स लगाने के साथ ग्रीन वर्ज के लिए वॉल बनाई जा रही है लेकिन यहां काम की गुणवत्ता क्या है यह मौके पर देखा जा सकता है लघु वाटिका  के दीवार के निर्माण के लिए सटरिंग लगाई जानी चाहिए ,लेकिन ईंटा रखकर वॉल के बीम की आरसीसी  ढलाई की जा रही है। निर्माण से जुड़े जानकारों का कहना है कि  निडिल, बाइब्रेटर,  स्ट्रेन्थ का उपयोग किए बनाई जा रही लघु वाटिका (ग्रीन वर्ज ) निर्माण के साथ ही ढहने लगेगी। गुनवत्ताविहीन कार्य को लेकर स्थानीय लोगों में भी आक्रोश पनप रहा है। 

नगर निगम के इंजीनियरों ने नागौद रोड में कल्याण पेट्रोल पम्प से लेकर नाले तक यानि आधे किमी के दायरे में ग्रीनरी विकसित करने के लिए ग्रीन वर्ज बनाने का स्टीमेट बनाया, उसका टेंडर जारी कर दिया और ठेकेदार ने काम भी शुरू कर दिया, लेकिन अभी तक यह तैय नहीं    है कि पांच सौ मीटर के दायरे में कितने गीन वर्ज बनेंगे। यद्यपि दो ग्रीन वर्ज के बीच चार मीटर का गैप जरूर रखा जा रहा है। इस गैप में पेवर्स लगाकर क्षेत्र को डस्ट फ्री जोन बनाने का प्रस्ताव है। 

ठेकेदार के पास मिक्चर मशीन तक नहीं 
पेवर्स और ग्रीन वर्ज समेत ठेकेदार को लगभग 30 लाख का काम मिला हुआ है लेकिन दुर्भाग्य है कि ठेकेदार के पास मौके पर मिक्चर मशीन तक नहीं है। पन्ना नाका में चल रहे ठेकेदार करण छुट्टानी के काम को देखकर तो यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां लत्ता लपेटी का काम चल रहा है। ग्रीन वर्ज के निर्माण के लिए मशाला मिक् चर मशीन में बनाने की बजाए मशाला हाई-वे में बनाया जा रहा है, जिससे हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। 

जिस जगह पर नगर निगम सौर्न्द्रीयकरण के नाम पर पेवर्स लगाने और ग्रीन वर्ज के निर्माण का काम करा रहा है उसकी मौके पर कोई जरूरत नहीं है। यहां पर सबसे पहले जल निकासी की व्यवस्था की जानी चाहिए थी। इसके लिए सड़क को काट कर ढोला डालकर पानी निकासी की व्यवस्था किए जाने का निर्णय भी हुआ था लेकिन इस ओर ध्यान न देकर ऐसे काम कराए जा रहे हैं जिससे आम जनमानस को कम ठेकेदार और इंजीनियरों को ज्यादा फायदा होने वाला है वे भी घटिया स्तर के। 
शिवशंकर गर्ग, निवर्तमान पार्षद