कान्ट्रैक्टर फर्म में छापा, जमा कराए 82 लाख
सतना/सागर | राज्यकर विभाग की सतना एन्टी इवेजन ब्यूरो टीम ने सागर में छापामार कार्रवाई करते हुए 17 करोड़ से अधिक के कर अपवंचित लेनदेन का पता लगाया है। प्रथम दृष्ट्या फर्म द्वारा 2 करोड़ 4 लाख से अधिक का कर अदा नहीं किया। यही नहीं डेढ़ साल से फर्म का जीएसटी पंजीयन निरस्त होने के बाद भी कारोबार चलता रहा है। फिलहाल फर्म संचालकों से 82 लाख जमा कराये गये हैं और शेष राशि जमा करने के लिये 15 दिन का समय देकर छापे की कार्रवाई को समाप्त कर दिया गया है।
रिटर्न में मिसमैच, टीडीएस भी छिपाया
एईबी अधिकारियों का रहना है कि सागर गोपालगंज में संचालित कान्टैक्टर फर्म राधे प्रोडक्शन द्वारा ठेकेदारी का काम किया जाता रहा है। इसके द्वारा सर्वाधिक काम सागर नगर निगम में किया गया है। विभाग को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि फर्म द्वारा जीएसटी की चोरी की जा रही है। राज्यकर आयुक्त राघवेन्द्र सिंह के निर्देश पर शुक्रवार सुबह राज्यकर अधिकारी अमित पटेल के नेतृत्व में टीम ने फर्म कार्यालय व वहीं निवासरत फर्म के भागीदार शैलेष निगम के निवास पर छापे की कार्रवाई की गई।
श्री पटेल ने बताया कि फर्म द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19 से लगातार रिटर्न तो दिये गये पर उनके द्वारा जमा किये गये जीएसटीआर-1 तथा थ्रीबी में मिसमैच देखने को मिला। यही नहीं फर्म द्वारा प्राप्त भुगतान के साथ टीडीएस की वसूली तो की गई पर उसे रिटर्न में नहीं दिखाया गया। इन वर्षो में फर्म द्वारा करीब 17 करोड़ से अधिक का कर अपवंचित लेनदेन किया गया है। इस पर 2 करोड़ 4 लाख से अधिक की टैक्स लाईविल्टी बनती है।
मजे की बात यह है कि फर्म का जीएसटी पंजीयन जून 2019 से निरस्त है। श्री पटेल के अनुसार शाम को फर्म संचालक द्वारा 82 लाख रुपये जमा कराते हुए शेष राशि जमा करने 15 दिन का समय लिया गया। इस कार्रवाई में एईबी के राज्यकर अधिकारी विजय पाण्डेय, विकास अग्रवाल, नवीन दुबे, टीए प्रमोद शर्मा व मृत्युंजय तिवारी, निरीक्षक वीरेन्द्र निगम, हेमंत रावते प्रमुखरूप से शामिल रहे। कार्रवाई में शामिल रहीं सागर सर्किल में पदस्थ निरीक्षक दीपशिखा यादव का विशेष योगदान बताया जा रहा है।
राज्यकर आयुक्त के निर्देश पर सतना एईबी टीम द्वारा राधे प्रोडक्शन सागर के यहां छापे की कार्रवाई की गई। 2 करोड़ से अधिक का कर अपवंचन मिलने के बाद संचालकों द्वारा 82 लाख जमा कराते हुए शेष राशि के लिये 15 दिन का समय लिया गया है।
अमित पटेल, राजयकर अधिकारी एईबी सतना