MP News: खंडवा में जल संकट के बीच फूटी नर्मदा की पाइपलाइन, लाखों गैलन पानी बर्बाद

खंडवा में जलसंकट के बीच नर्मदा की पाइपलाइन फूट गई.... हरसूद क्षेत्र के सक्तापुर फाटा के पास रेलवे ट्रैक किनारे फूटने से पानी का मूवमेंट रेलवे ट्रैक की ओर होने लगा, हालांकि ट्रैक पर पानी नहीं पहुंचा....सुरक्षा के लिहाज से रेलवे की टीम मौके पर पहुंची.... लेकिन, नगर निगम या कंपनी के लोगों से कोई संपर्क नहीं हो पाया जिससे सप्लाई को बंद नहीं किया जा सका….. जिसके चलते रेलवे ट्रैक किनारे पानी जमा होने लगा

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KHANDWA. जिले में पहले से हल रहे जलसंकट के बीच बुधवार सुबह हरसूद के सक्तापुर फाटा के पास नर्मदा की मुख्य पाइपलाइन फिर फट गई। यह लीकेज रेलवे ट्रैक के किनारे हुआ, जहां शुरू में पानी सड़क की तरफ बहा, लेकिन जल्द ही उसका बहाव रेलवे लाइन की तरफ बढ़ गया।

रेलवे ने जताई चिंता, निगम ने नहीं रोकी सप्लाई

सुरक्षा के लिहाज से रेलवे की टीम तुरंत मौके पर पहुंची, लेकिन नगर निगम ने जलसंकट का हवाला देते हुए सप्लाई बंद नहीं किया। इससे रेलवे ट्रैक के पास काफी मात्रा में पानी जमा हो गया। रेलवे की शिकायत पर पाइपलाइन संभाल रही विश्वा कंपनी के कर्मचारियों ने लीकेज वाली जगह पर पत्थर रखकर पानी के बहाव को कम करने की कोशिश की। हालांकि, अभी तक रेल यातायात पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है।

6 घंटे से लगातार बह रहा पानी

पाइपलाइन का पानी करीब छह घंटे से लगातार बह रहा है। रेलवे अधिकारियों ने विश्वा कंपनी से सप्लाई रोकने को कहा, लेकिन कंपनी के अधिकारी रूपेश पटेल ने शहर में पानी की किल्लत का हवाला देते हुए इंकार कर दिया।

रेलवे अलर्ट पर, ट्रैक की सुरक्षा में जुटी टीम

दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक से लीकेज वाली जगह महज 50 फीट दूर है। ट्रैक को नुकसान न पहुंचे, इसके लिए रेलवे पूरी तरह सतर्क है। पीडब्ल्यूआई सतीश कैथवास, आरपीएफ के रमेश कुमार और शीतल सहित अन्य अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। ट्रैक की सुरक्षा को देखते हुए मंडी की ओर जाने वाले माल वाहनों को भी रोक दिया गया है।

पानी से जूझ रहे ढाई लाख लोग

इस पाइपलाइन के बार-बार फटने से शहर के करीब ढाई लाख लोग जलसंकट से जूझ रहे हैं। शहर की पूरी जल व्यवस्था इसी एक पाइपलाइन पर निर्भर है, जो गर्मियों में अक्सर टूट जाती है।

प्रदर्शन के बाद दर्ज हुई थी FIR

इससे दो दिन पहले ही जलसंकट को लेकर महिलाओं ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया था, जिसके चलते प्रशासन ने आठ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।