MP NEWS : मृत व्यक्ति के नाम पर भूमि बिक्री करने वाले भूमाफियाओं पर EOW ने किया मामला दर्ज
रीवा में करोड़ों की सरकारी और निजी जमीनों पर अवैध कब्जे व फर्जीवाड़े के मामलों के बीच एक सनसनीखेज घोटाला सामने आया है। मृत व्यक्ति के नाम पर फर्जी अभिलेख तैयार करने एवं धोखाधड़ी कर करोड़ों की भूमि बिक्री से संबंधित शहर के बहुचर्चित मामले में ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) ने आपराधिक प्रकरण दर्ज किया है।

रीवा. जिले में करोड़ों की सरकारी और निजी जमीनों पर अवैध कब्जे व फर्जीवाड़े के मामलों के बीच एक सनसनीखेज घोटाला सामने आया है। मृत व्यक्ति के नाम पर फर्जी अभिलेख तैयार करने एवं धोखाधड़ी कर करोड़ों की भूमि बिक्री से संबंधित शहर के बहुचर्चित मामले में ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) ने आपराधिक प्रकरण दर्ज किया है, जिसमें एक मृतक के नाम पर कूटरचित दस्तावेजों के जरिए 30 एकड़ जमीन का फर्जी मालिकाना हक दर्शाकर करीब 50 करोड़ रुपये की अवैध बिक्री कर दी गई।
ईओडब्ल्यू ने जांच के बाद दर्ज की एफआईआर
शिकायत के आधार पर यह स्पष्ट हुआ कि उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के निवासी शिवाजी सिंह ने वर्ष 1972 में रीवा के रतहरा इलाके में 30 एकड़ कृषि भूमि क्रय की थी। वर्ष 2014 में उनकी मृत्यु हो चुकी थी, लेकिन उनकी मृत्यु के वर्षों बाद उनके नाम पर जाली दस्तावेज तैयार कर भू-माफियाओं ने जमीन को कई हिस्सों में बांटकर कई लोगों को बेच दिया, विगत कुछ समय पहले दो पक्षों ने इस मामले में अपना दावा प्रस्तुत किया था और जिला प्रशासन के सामने भी मामला पहुंचा था। इस प्रकरण में राजस्व विभाग, पंजीयन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत की आशंका जाहिर की जा रही है। उसे भी जांच के दायरे में रखा गया है।
ईओडब्ल्यू की जांच में यह तथ्य सामने आया कि इस 30 एकड़ भूमि में से लगभग 5 एकड़ पहले ही बेची जा चुकी है और इससे आरोपी करीब 50 करोड़ रुपये की अवैध राशि प्राप्त कर चुके हैं। शिकायतकर्ता माण्डवी सिंह और शिवेन्द्र विक्रम सिंह ने जब ईओडब्ल्यू को लिखित में सूचना दी, तब जांच शुरू हुई। इनका कहना है कि उनके पिता शिवाजी सिंह की मृत्यु 11 जनवरी 2014 को हो गई थी। बावजूद इसके, दस्तावेजों में उनके नाम से रजिस्ट्री होती रही, और अधिकारीगण मौन बने रहे।
उन्होंने बताया कि उनके पिता शिवाजी सिंह द्वारा ग्राम रतहरा तहसील हुजूर जिला रीवा में वर्ष 1972 में 30 एकड़ जमीन क्रय की थी। वर्ष 2014 में उनकी मृत्यु हो गई थी। मृत्यु के बाद दिग्विजय सिंह पिता राम अवध सिंह निवासी ग्राम डिली गिरधर तहसील मिल्कीपुर जिला अयोध्या ने अन्य लोगों के साथ षडयंत्र कर फर्जी अभिलेख तैयार कर भूमि विक्रय की जा रही है। शिकायत के सत्यापन के बाद ईओडब्ल्यू ने पाया है कि शिकायतकर्ता के पिता शिवाजी सिंह निवासी डहियामई मैनपुरी (उत्तर प्रदेश) द्वारा ग्राम रतहरा तहसील हुजूर) जिला रीवा में में 30 एकड़ भूमि को रजिस्ट्री के के माध्यम से 21 अप्रैल 1972 को क्रय किया था।
शिकायतकर्ता के पिता शिवाजी सिंह की मृत्यु 11 जनवरी 2014 को हो चुकी है। मृत्यु के बाद रीवा निवासी राजेंद्र सिंह राज व अन्य लोगों ने मिलकर षडयंत्र पूर्वक भूमि हड़पने के लिए दिग्विजय सिंह द्वारा शिवाजी सिंह के नाम फर्जी दस्तावेज बनवाकर शिवाजी सिंह के नाम पर ग्राम रतहरा जिला रीवा स्थित 30 एकड़ भूमि का फर्जी मालिकाना प्राप्त कर वर्ष 2014 से 2024 तक कई व्यक्तियों को विक्रय किया गया है। शिकायत जांच में सही पाए जाने के बाद ईओडब्ल्यू ने मामला दर्ज किया है।
अयोध्या और रीवा के षड्यंत्रकरियों के खिलाफ मामला दर्ज
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस फर्जीवाड़े में उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले के ग्राम डिली गिरधर निवासी दिग्विजय सिंह, रीवा जिले के गुढ़ चौराहा निवासी राजेन्द्र सिंह राज सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इन सभी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (षड्यंत्र), 419 (छलपूर्वक स्व-रूपांतरण), 420 (धोखाधड़ी), 467 (जाली दस्तावेज बनाना), 468 (धोखाधड़ी हेतु कूटरचना) और 471 (जाली दस्तावेज का प्रयोग) के तहत आपराधिक मामला कायम किया गया है।
जांच में कई और नाम आ सकते हैं सामने
ईओडब्ल्यू ने मामला दर्ज कर विस्तृत जांच शुरू कर दी है। अब राजस्व और पंजीयन विभाग के अफसरों की जिम्मेदारी तय की जा रही है। प्रारंभिक जांच के आधार पर यह आशंका जताई जा रही है कि फर्जी दस्तावेजों की तैयारी में सरकारी तंत्र के कुछ लोगों की मिलीभगत भी हो सकती है।
पुलिस अधीक्षक ईओडब्ल्यू रीवा से मिली जानकारी
ईओडब्ल्यू पुलिस अधीक्षक रीवा अरविंद सिंह ठाकुर ने बताया कि मृत व्यक्ति के नाम पर जमीन बिक्री करने की शिकायत प्राप्त हुई थी। सत्यापन होने के बाद कुछ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। विवेचना की जा रही अन्य लोगों के नाम भी सामने आ सकते हैं।