प्रदेश में बनेगी दो बड़ी लैब, मंत्री के निर्देश पर तैयार हो रहा प्रस्ताव
मेडिकल डिवाइस टेस्टिंग और खाद्य गुणवत्ता की जांच एमपी में हो सकेगी, वर्तमान में दूसरे राज्यों को भेजने पड़ते हैं नमूने

प्रदेश में आने वाले समय में मेडिकल डिवाइस और खाद्य गुणवत्ता की जांचों के लिए हमें देश के अन्य राज्यों पर निर्भर नहीं रहना होगा। सभी महत्वपूर्ण जांच अब प्रदेश में ही हो सकेंगी। दरअसल, मप्र में मेडिकल डिवाइस टेस्टिंग और फूड रेफरल लैब की स्थापना को लेकर कवायद शुरू की गई है। लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा व खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा लैब का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। विभाग की समीक्षा बैठक में राज्य मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल ने इसके निर्देश दिए हैं।
दरअसल खाद्य सुरक्षा प्रशासन की समीक्षा बैठक राज्यस्तरीय प्रयोगशाला में हुई है, जिसमें मेडिकल डिवाइस टेस्टिंग लैब और रेफरल फूड लैब को लेकर चर्चा हुई थी। मंत्री पटेल ने अफसरों को इसका प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए हैं। प्रस्ताव केन्द्र को भेजा जाएगा। केन्द्र से स्वीकृति मिलने के बाद इसके निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
मरीजों के जीवन रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका
मेडिकल डिवाइस टेस्टिंग लेबोरेटरी डिवाइस के निर्माण और प्रदर्शन के लिए विभिन्न मानकों और विनियमों का पालन करती हैं। यह सुनिश्चित करता है कि डिवाइस नियामक आवश्यकताओं को पूरा करता है। टेस्टिंग डेटा डिवाइस के निर्माण में सुधार और भविष्य के लिए डिजाइन और विकास के लिए उपयोगी जानकारी प्रदान करता है। टेस्टिंग लेबोरेटरी साफ करती है कि डिवाइस रोगी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है। यह मरीजों के स्वास्थ्य और जीवन की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। टेस्टिंग लेबोरेटरी विभिन्न मानकों जैसे कि आईएसओ का पालन करती है, जो डिवाइस की गुणवत्ता और सुरक्षा को सुनिश्चित करता है।
लैब में होता है विवादित सेंपलों का समाधान
यदि प्राथमिक लैब में किसी खाद्य उत्पाद के नमूने जांच में फेल हो जाते हैं। प्राथमिक लैब की जांच से असंतुष्ठ व्यापारी इसे चैलेंज करते हुए खाद्य पदार्थो को रेफरल लैब में भेजते हैं। कई बार प्राथमिक लैब में फेल हुए सैंपल रेफरेल लैब में खरे उतरते हैं। इससे आयातकों को नुकसान नहीं उठाना पड़ता है। लैब मानक परीक्षण विधियों और प्रोटोकॉल का पालन करती हैं, जिससे विश्वसनीय और सटीक परिणाम मिलते हैं। वर्तमान में रेफरल लैब प्रदेश में नहीं होने पर अन्य राज्यों में नमूनों को जांच के लिए भेजा जाता है।
रेफरल फूड लैब-खाद्य की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका
रेफरल फूड लैब खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यहां खाद्य पदार्थों के नमूने की जांच की जाती है और यह सुनिश्चित किया जाता है कि वे सुरक्षित हैं और खाद्य सुरक्षा नियमों का पालन किया जा रहा है। रेफरल लैब खाद्य पदार्थों में संभावित खतरों (जैसे कि जीवाणु, विषाक्त पदार्थ, या रासायनिक अवशेष) का पता लगाती हैं, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा होती है। लैब में खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता जांचने के लिए परीक्षण किया जाता है। इससे खाद्य पदार्थ उचित मानकों के अनुरूप है कि नहीं इसका पता चलता है।
मेडिकल डिवाइस लैब क्यों जरूरी
टेस्टिंग लेबोरेटरी लैब डिवाइस के जैविक और रासायनिक सुरक्षा की जांच करती है। यह सुनिश्चित करती है कि डिवाइस में कोई हानिकारक तत्व या प्रतिक्रिया तो नहीं है जो रोगियों के लिए नुकसानदेह हो। लेबोरेटरी डिवाइस की कार्यक्षमता और प्रदर्शन का मूल्यांकन करती हैं। इससे यह पता चलता है कि डिवाइस अपने उद्देश्य के अनुसार काम कर रहा है और रोगी के लिए प्रभावी है। टेस्टिंग लेबोरेटरी सटीक और विश्वसनीय परिणाम प्रदान करती हैं, जिससे डॉक्टरों को उचित उपचार करने में मदद मिलती है।