नर्सिंग छात्राओं से दुर्व्यवहार के आरोप पर ABVP का प्रदर्शन, डॉक्टर अशरफ के निलंबन की मांग
मेडिकल कॉलेज के डीन ऑफिस के बाहर 7 घंटे तक जारी रहा धरना, पुलिस बल रहा तैनात, संयुक्त कलेक्टर के आश्वासन पर माने कार्यकर्ता

रीवा। गांधी स्मृति चिकित्सालय के आइएनटी वार्ड में नर्सिंग स्टाफ के साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर मंगलवार को बवाल मच गया। डीन को ज्ञापन देने पहुंचे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं से सुरक्षाकर्मियों ने धक्का-मुक्की कर दी। इससे भड़के कार्यकर्ता डीन कार्यालय के बाहर ही धरने पर बैठ गए।
तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए अस्पताल परिसर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं और जूनियर डॉक्टरों ने मिलकर डीन कार्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। बताया जा रहा है कि करीब 80 नर्सिंग छात्राओं ने डॉक्टर अशरफ के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई है।
मामला उजागर होते ही कॉलेज प्रशासन ने गंभीर रुख अपनाते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं। वहीं, छात्राओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्राचार्य ने फिलहाल के लिए छात्राओं के वार्ड में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। मंगलवार को जैसे ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को पूरे मामले की जानकारी मिली, संगठन के छात्र कार्यकर्ता मेडिकल कॉलेज पहुंचे और डीन डॉ. सुनील अग्रवाल के चेंबर का घेराव कर लिया।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं का आरोप है कि डीन ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया और इस दौरान कॉलेज के सुरक्षा कर्मियों द्वारा कार्यकर्ताओं के साथ धक्का-मुक्की भी की गई, जिससे मामला और भड़क गया।
प्रदर्शनकारियों ने ईएनटी विभाग के डॉक्टर अशरफ को तत्काल निलंबित करने की मांग करते हुए जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। स्थिति तनावपूर्ण होने पर प्रशासन को भारी पुलिस बल बुलाना पड़ा। मौके पर तहसीलदार सहित कई प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे और हालात को संभालने की कोशिश की।
हंगामे के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं के साथ मेडिकल कॉलेज के कई पीजी छात्र और नर्सिंग छात्राएं भी डीन कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए।
प्रदर्शनकारी ‘डॉ. अशरफ को बर्खास्त करो, छात्राओं को न्याय दो’, जैसे नारे लगाते रहे। डीन को बाहर बुलाने की मांग करते हुए छात्र-छात्राओं ने साफ कहा कि जब तक आरोपी डॉक्टर पर कड़ी कार्यवाही नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। दोपहर 2 बजे से एबीवीपी के पदाधिकारी डीन के कक्ष के बाहर 7 घंटे तक डटे रहे। इस दौरान डीन कक्ष के अंदर बंधक जैसे हालात में फंसे रहे।
हालात को देखते हुए मौके पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। इस दौरान एसडीएम हुजूर और तहसीलदार ने मामले को सुलझाने की पहल की लेकिन सफलता नहीं मिली। प्रदर्शनकारी कमिश्नर रीवा संभाग को बुलाने पर अड़े हैं। बाद में संयुक्त कलेक्टर श्रेयश गोखले पहुंचे कार्यकर्ताओं को समझाइए देकर मामले की जांच कर कर दो दिवस में कार्रवाई करने का आश्वासन दिया जिसके बाद एबीवीपी पदाधिकारियों ने ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन न लेने पर भड़के एबीवीपी कार्यकर्ता, सुरक्षाकर्मियों से झड़प
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर डीन से मिलने पहुंचे। लेकिन डीन द्वारा ज्ञापन लेने से इनकार करने पर माहौल गरमा गया और छात्र संगठन के पदाधिकारी ने जमकर नारेबाजी करने लगे । इस दौरान गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, जिससे दोनों पक्षों में तीखी नोकझोंक और छीना-झपटी हो गई।
एबीवीपी से जुड़े पदाधिकारी जिला संयोजक पशुपतिनाथ पांडेय, हर्ष साहू, दिशा मिश्रा, गौरव मिश्रा, मुदित सिंह, आशीष द्विवेदी, अनुराग द्विवेदी, आयुष शुक्ला, रिशु तिवारी, आयुष विश्वकर्मा, आयुष तिवारी, देवांशी पांडेय, उन्नति सिंह समेत कई कार्यकर्ता ज्ञापन देने के लिए डीन कार्यालय पहुंचे थे।
छात्रों को आई चोट, पुलिस ने कराया मेडिकल
सुरक्षाकर्मियों द्वारा एबीवीपी छात्रों के साथ की गई धक्का-मुक्की से तीन छात्रों को चोटें आई हैं। पुलिस ने तीनों का मेडिकल परीक्षण कराया है।
डॉ. अशरफ का पुराना विवादित इतिहास
जानकारी के अनुसार, डॉ. अवशरफ पहले भी विवादों में रह चुके हैं। उन पर कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों पर दबाव बनाने और उनसे गुड मॉर्निंग और गुड इवनिंग की जगह धार्मिक रूप से अभिवादन करने की बात कहने के आरोप लग चुके हैं। इसके अलावा, वह इलाज के दौरान मरीजों को इलाहाबाद (अब प्रयागराज) भेजने के मामले में भी उलझ गए थे। वहीं, दूसरी ओर, इस पूरे मामले की जांच की निष्पक्षता पर भी सवाल उठने लगे हैं। सूत्रों की मानें तो डीन द्वारा गठित जांच टीम डॉ. अशरफ के पक्ष में ही खड़ी होती दिख रही है।
छात्राओं द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों को हल्के में लिया जा रहा है और उन्हें केवल "एक टीचर की तरह ट्रीट करने" की बात कही जा रही है। इससे जांच की निष्पक्षता पर गंभीर संदेह पैदा हो गया है, खासकर तब जब इसी ईएनटी विभाग में कुछ दिनों पहले एक नाबालिग से छेड़छाड़ का मामला भी सामने आया था, जिसकी जांच अभी भी जारी है।