रवींद्र भवन में जनजातीय शिल्पग्राम कार्यक्रम, CM डॉ. मोहन यादव ने पाकिस्तान को दी सख्त चेतावनी

राजधानी के रवींद्र भवन में आयोजित जनजातीय शिल्पग्राम कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और जनजातीय कार्य मंत्री कुंअर विजयशाह सहित बड़ी संख्या में अधिकारी व आदिवासी समुदाय के लोग शामिल हुए। कार्यक्रम में जनजातीय कलाकारों की चित्रकारी की सराहना करते हुए सीएम डॉ.यादव ने कहा, ऐसा लगता है जैसे सरस्वती जी खुद चित्रों में उतर आई हों।

रवींद्र भवन में जनजातीय शिल्पग्राम कार्यक्रम, CM डॉ. मोहन यादव ने पाकिस्तान को दी सख्त चेतावनी
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भोपाल. राजधानी के रवींद्र भवन में आयोजित जनजातीय शिल्पग्राम कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और जनजातीय कार्य मंत्री कुंअर विजयशाह सहित बड़ी संख्या में अधिकारी व आदिवासी समुदाय के लोग शामिल हुए। कार्यक्रम में जनजातीय कलाकारों की चित्रकारी की सराहना करते हुए सीएम डॉ.यादव ने कहा, ऐसा लगता है जैसे सरस्वती जी खुद चित्रों में उतर आई हों। चित्रकारी में जो कलाकारी की है वह आपके हाथों में बनी रहे ।

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पाकिस्तान की नापाक हरकतों  का देश ने मुंहतोड़ जवाब दिया- CM डॉ.यादव

भारत-पाक तनाव पर मुख्यमंत्री ने कहा कि -पाकिस्तान की नापाक हरकतों  का देश ने मुंहतोड़ जवाब दिया है। उन्होंने कहा, जो भारत को छेड़ेगा, उसे भारत छोड़ेगा नहीं। सीएम ने आतंकी मसूद के खात्मे का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान के पास न खाने को है, न असली हथियार, और वह भारत से लड़ने की बात करता है।
 भारत आज आधुनिक टेक्नोलॉजी और सैन्य ताकत से लैस है और जो विकास इजरायल जैसे देशों के पास है, वह भारत ने भी हासिल कर लिया है। उन्होंने सेना और वैज्ञानिकों के जज्बे को सलाम करते हुए कहा कि -देश आज एकजुट है-हिंदू-मुस्लिम सब साथ हैं।

चलो अच्छा रहा, इस बार सबूत नहीं मांगे-  मंत्री विजयशाह 

इधर मंत्री कुंअर विजयशाह ने कहा हम सेना पर गर्भ करते हैं कि हमारी  सेना मुहतोड़ जबाव दे रही है। कांग्रेस की तिरंगा यात्रा पर उन्होंने कहा चलो अच्छा है हम सब एक साथ हैं, पर जाते जाते उन्होंने कहा चलो अच्छा रहा इस बार सबूत नहीं मांगे ।

रविंद्र भवन में अनोखी विरासत

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित जनजातीय शिल्पग्राम में आदिवासी संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। इस तीन दिवसीय आयोजन में जनजातीय जीवनशैली, कला, खान-पान और लोक-संस्कृति को करीब से जानने का मौका मिलेगा। कार्यक्रम में महुआ के लड्डू और बांस की सब्जी जैसे पारंपरिक व्यंजन लोगों को खासा आकर्षित कर रहे हैं। इसके साथ ही सजावट के लिए बांस के मुखौटे, हाथ से बनी साड़ियां, और कई तरह की आदिवासी कलाकृतियां भी उपलब्ध हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खुद कार्यक्रम में पहुंचकर दुकानदारों से बातचीत की और पारंपरिक रेसिपी भी जानी। राज्य सरकार की मंशा है कि आदिवासी संस्कृति केवल राजधानी तक सीमित न रहे, बल्कि संभागों तक भी इसका विस्तार हो। यह उत्सव न सिर्फ एक सांस्कृतिक अनुभव है, बल्कि आदिवासी कारीगरों को प्रोत्साहन देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।