नियमों को ताक पर रखने वाले अस्पतालों पर सख्ती

नियमों को ताक पर रखकर संचालित अस्पतालों के खिलाफ की गई कार्रवाई के संबंध में हाईकोर्ट ने सरकार को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने निर्देश जारी किए हैं। चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने शहर के बहुचर्चित न्यू लाइफ अस्पताल में हुए अग्निकांड की उच्च स्तरीय जांच कमेटी की रिपोर्ट पुलिस को सौंपने के निर्देश दिए हैं।

नियमों को ताक पर रखने वाले अस्पतालों पर सख्ती

नियमों को ताक पर रखकर संचालित अस्पतालों के खिलाफ की गई कार्रवाई के संबंध में हाईकोर्ट ने सरकार को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने निर्देश जारी किए हैं। चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने शहर के बहुचर्चित न्यू लाइफ अस्पताल में हुए अग्निकांड की उच्च स्तरीय जांच कमेटी की रिपोर्ट पुलिस को सौंपने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा युगलपीठ ने याचिकाकर्ता के सवालों का दो सप्ताह में देने के निर्देश दिए हैं।


हाईकोर्ट ने यह निर्देश लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं। बघेल की तरफ से दायर याचिका में कोरोना काल के समय नियमों को ताक में रखकर अस्पतालों के संचालन की अनुमति दिए जाने के खिलाफ साल 2022 में याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि अस्पताल संचालन की अनुमति देने के दौरान नेशनल बिल्डिंग कोड, फायर सेफ्टी के नियम, बिल्डिंग कंप्लीशन सर्टिफिकेट की अनदेखी कर, आगजनी की स्थिति में दमकल वाहन के लिए 6 मीटर खुला क्षेत्र सहित पार्किंग स्पेस की उपलब्धता देखे बगैर कई अस्पतालों को लाइसेंस जारी किए गए हैं।


याचिका के लंबित रहने के दौरान अगस्त 2022 में शिवनगर स्थित न्यू लाइफ अस्पताल में हुए अग्नि हादसे में आठ लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। अस्पताल में आपातकालीन द्वार नहीं होने के कारण लोग बाहर तक नहीं निकल पाए। राज्य शासन द्वारा बनाई गई उच्च स्तरीय जांच समिति ने भी अपनी रिपोर्ट में तत्कालीन अधिकारियों को दोषी पाया था। जांच रिपोर्ट में दोषी पाए गए अधिकारियों पर कार्रवाई किए जाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया गया था। इसके अलावा याचिकाकर्ता ने प्रश्नावली प्रस्तुत कर उसके उत्तर प्रदान किए जाने के संबंध में आवेदन प्रस्तुत किया था।