23 साल में 20 किमी पटरी नहीं बिछा पाया रेलवे
रीवा | ललितपुर से सिंगरौली रेल परियोजना के तहत हो रहे निर्माण कार्य कछुआ गति से चल रहे है। चौकाने वाली बात यह है कि इस परियोजना को 23 वर्ष हो चुके है मगर 20 किमी की रेल पटरी बिछाई नहीं जा सकी है। निर्माण एजेंसी और रेलवे तकनीकी विभाग की ओर से जितने भी दावे किए गए उसमें विभाग खरा नहीं उतरा। ज्ञात हो कि रीवा से गोविंदगढ़ की दूरी सिर्फ 20 किमी है। मगर रेलवे द्वारा बीते दो दशकों में रेल लाइन रीवा से नहीं जोड़ पाया है। इतना ही नहीं तीन साल पहले से निर्माणाधीन ओवरब्रिज का कार्य आज दिनांक तक अधूरा है। जिन गांवों से होकर ट्रेन को गुजरना वहां सालों से निर्माण सामग्री डम्प पड़ी हुई है।
दस वर्ष में पूरा करने का था लक्ष्य
ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन आधारशिला 1997 में रखी गई थी तब यह लक्ष्य निर्धारित किया गया था कि इसका विस्तार अगले दस साल में पूरा हो जाएगा। हालात यह है कि 23 साल बीत चुके है और वर्तमान में जिस गति से काम चल रहा है उसे देखकर यह कहीं से नहीं लग रहा कि जिले वासियों को अगले दो साल तक रीवा से गोविंदगढ़ और ललितपुर से सिंगरौली में ट्रेन का सफर करने का मौका मिलेगा।
आठ पुलों में सभी अधूरे
बताया गया है कि इस परियोजना में रीवा से गोविंदगढ़ के बीच 8 आरओबी का निर्माण करना है। ताज्जुब की बात यह है कि इनमें से एक भी पुल का काम पूरा नहीं हुआ है। इतना नहीं सीधी से बैरगवां तक लगभग 40 पुल का निर्माण किया जाना है और छुहिया घाटी की सुरंग सहित सोन नदी पर एक बड़े पुल का निर्माण होना है।
सुरंग का बचा सिर्फ 100 मीटर का कार्य
छुहिया घाटी में बनाई जा रही सुरंग का काम चरम पर है। पता चला है कि पिछले दो साल से काम चल रहा है। करीब सौ मीटर सुरंग खोदने का कार्य शेष बचा है। लेकिन सुरंग अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हुई है। जानकारों का कहना है कि सुरंग को अभी पूरा होने में दो साल का समय लग सकता है। क्योंकि अभी इसमें फैशनशिंग लगाने का काम बचा हुआ है। बता दें कि छुहिया घाटी में बन रही टर्नल की लंबाई 3.375 किमी है। जिसमें से महज 100 मीटर का कार्य बचा हुआ है।
इन रास्तों से गुजरेगी रेलगाड़ी
जब परियोजना का काम पूरा हो जायेगा तब रीवा से लेकर लगभग आधा सैकड़ा गांव से होकर रेल गुजरेगी। रीवा से गोविंदगढ़ के बीच बघवार, रामपुर, चुरहट में रेलवे स्टापेज होगा। जबकि रामपुर नैकिन तहसील के गोरहा टोला, बघवार, नैकिन, रघुनाथपुर, मऊ, झांझ, मुरतला, कोठार, रायखोर, कोंदई, पटेहरा, आमडाढ़, गोपालपुर, कुड़ियापवई, परखुरी, ममदर, झलवार, अमरपुर, बड़ोखर, पिपखरा, रामनगर सहित दर्जनों गांव से होकर ट्रेन गुजरेगी।