अब बेटियों की पूजा से आरंभ किए जाएंगे शासकीय कार्यक्रम

रीवा | उच्च शिक्षा विभाग के अपर आयुक्त ने अतिरिक्त संचालक एवं सभी महाविद्यालयों के प्राचार्यों को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है कि अब से कार्यालयों में जो भी कार्यक्रम का आयोजन होगा, उसमें सबसे पहले बेटियों की पूजा की जाएगी। उसके बाद ही कार्यक्रम का शुभारम्भ किया जाएगा। ऐसा बताया गया है कि इस निर्देश का कड़ाई से पालन करना होगा। जिसकी मॉनीटरिंग उच्च स्तरीय अधिकारी करते रहेंगे। अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश सरकार व उच्च शिक्षा विभाग ने यह फैसला इसलिए लिया है ताकि समाज में बालिकाओं के प्रति सम्मान बढ़े।

सफाई के लिए बाजार के फिनाइल का नहीं होगा इस्तेमाल
बेटियों की पूजा कराने के अलावा एक और बड़ा सकारात्मक बदलाव किया गया है। सरकारी कार्यालयों में साफ-सफाई के लिए बाजार में मिलने वाले फिनाइल या फ्लोर क्लीनर का इस्तेमाल न किया जाकर गौ-अभयारण व गौशालाओं में निर्मित गौ फिनाइल का इस्तेमाल किया जाएगा। गौरतलब है कि गौरक्षा एवं ऐरा प्रथा पर लगाम कसने के साथ-साथ नए रोजगारों का सृजन करने के मकसद से यह बदलाव लाया गया है। गौरतलब है कि जिले में 30 से अधिक गौशालाएं और 1 विशालकाय गौ-अभ्यारण्य है जो कि पुरवा गांव में स्थित है। जहां से गौ-फिनाइल तैयार किया जाएगा और शासकीय कार्यालयों में उसी का इस्तेमाल होगा।