चिकित्सा कभी निष्फल नहीं होती: डा. राजेश चतुर्वेदी
सतना | चिकित्सा कभी निष्फल नहीं होती। कहीं इसमें धर्म का अर्जन होता है तो कही इससे मित्रता हासिल होती है, कहीं इसमें धन की प्राप्ति होती है, तो कहीं इससे पुणय की प्रप्ति भी होती है। ऐसा शास्त्रों में भी लिखा है। ये कहना है जिला आयुर्वेद चिकित्सालय में पदस्थ आरएमओ डा. राजेश चतुर्वेदी का। बचपन से ही समाज की सेवा का भाव रखने वाले डा. राजेश चतुर्वेदी ने स्टार समाचार से अपनी कई बातें साझा की।
स्टार: आपने आयुर्वेद को ही क्यों चुना?
डा. राजेश : आयुर्वेद विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा प्रणालियों में से एक है जो विज्ञान, कला और दर्शन का मिश्रण है। आयुर्वेद अनंत काल तक प्रभावी बना रहेगा । आयुर्वेद आयु विज्ञान है। मुझे इसमें बचपन से ही गहरी रूचि थी इसमें प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी और होम्योपैथी समाहित है।
स्टार : आपके यहां से कोई और इस फील्ड में है?
डा. राजेश : मेरा गांव धारकुंडी आश्रम के पास बिटमा है। मेरे बड़े भाई भी इसी फील्ड में हैं और भाभी भी हैं।
स्टार: जिला आयुर्वेद चिकित्सालय में काफी समय पहले योगा हाल बनाने का प्रोजेक्ट तैयार किया गया था क्या इस पर कुछ तैयारियां चल रही हैं?
डा. राजेश : हां, बिल्कुल सही जिला आयुर्वेद चिकित्सालय में योगा और इलाज की सुविधा एक साथ आने वाले दिनों में मिलेगी। बजट को स्वीकृति मिल गई है। चिकित्सालय में ऊपर जल्द ही योगा हॉल और सामने बाउंड्री वॉल तैयार करने की कार्रवाई की जाएगी।
स्टार : आपको नहीं लगता कि यहां मरीजों की सुविधा व संख्या कम है, कैसे बढ़ाएंगे?
डा. राजेश : ये सही है लेकिन धीरे-धीरे अब सरकार का ध्यान आयुर्वेद की तरफ बढ़ा है। चिकित्सालय में पंचकर्म की सारी विधाओं को शुरू कराया जाएगा। सुविधाएं बढ़ेंगी तो भर्ती मरीजों की संख्या भी बढ़ेगी। किचन शेड व मरीजों को खाने की व्यवस्था भी आने वाले दिनों में होगी। इसकी भी मंजूरी मिल गई है।
स्टार : कोरोना काल के पहले मेगा कैम्प लगते थे लेकिन अब क्यों नहीं?
डा. राजेश : हां सही है कि कोरोना काल के पहले हर माह मेगा कैम्प लगते थे, काफी अच्छे परिणाम भी सामने आते थे। कोरोना काल में कैम्प बंद थे लेकिन आने वाले दिनों में फिर ग्रामीण क्षेत्रों में कैम्प लगेंगे।
स्टार : औषधियां समय पर नहीं आती, क्या इससे मरीज घटे हैं?
डा. राजेश : औषधियों का मामला तो उच्च लेवल का है, ये सही है कि पिछले साल की दवाइयां नही आई हैं जिसका असर ओपीडी पर पड़ा है। औषधियां न होने से मरीज घटे हैं।
स्टार : आप अपनी तरफ से और क्या संदेश देना चाहते हैं?
डा. राजेश : आयुर्वेद में अब तेजी से लोग विश्वास करने लगे हैं। मै तो यह कहना चाहता हूं कि युवा चिकित्सक फील्ड में अपनी ईमानदारी के साथ कार्य करें। समाज में अपनी उपयोगिता दिखाएं।