नगरीय निकाय चुनाव: प्रभारियों से मांगे गए अध्यक्ष व पार्षदों के एक -एक नाम

सतना नगरीय निकाय चुनाव कब होंगे? भले ही यह भविष्य की गर्भ में है लेकिन कांग्रेस ने पिछले चुनावों में मिली पराजय से सीख लेते हुए इन चुनावों की तैयारियां अभी से शुरू कर दी है। पार्टी ने प्रत्याशी चयन के लिए प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं, इन प्रभारियों को अपनी रिपोर्ट आगामी 10 फरवरी तक पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को देनी है। पार्टी ने इस बार प्रभारियों की नियुक्ति इस निर्देश के साथ की है कि वे संबंधित नगर पंचायत व नगर पालिका के अध्यक्ष व पार्षदों के एक-एक नाम ही प्रदेश नेतृत्व को भेजेंगे। इसका साफ मतलब है कि प्रभारी और पार्टी के स्थानीय नेता ठोंक बजाकर प्रत्याशियों के नामों को अंतिम रूप देकर भोपाल भेजेंगे। 

प्रदेश में सत्ता खो चुकी कांग्रेस नगरीय निकाय चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए अभी से तैयारियों में जुट गई है। अक्सर कांग्रेस अंतिम मौके पर अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा किया करती है। लिहाजा प्रत्याशी चयन को लेकर नेताओं के बीच उपजे आपसी असंतोष को दूर करते- करते चुनाव नजदीक आ जाता है और इसका खामियाजा कांग्रेस के उम्मीदवार को चुनाव में पराजय के रूप में भोगना पड़ता है जिसको देखते हुए पार्टी ने इस बार समय से प्रत्याशियों के चयन की रणनीति बनाई है। पार्टी द्वारा बनाई गई इसी रणनीति के चलते प्रत्याशी चयन के लिए प्रभारी बनाए गए सभी नेताओं को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे आगामी 10 फरवरी तक अपनी रिपोर्ट हर हाल में प्रदेश कार्यालय को दें ताकि समय से प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की जा सके। 

दूसरे जिले के नेताओं को बनाया गया प्रभारी 

प्रत्याशी चयन के दौरान भाई-भतीजावाद व परिवारवाद को बढ़ावा देने की शिकायतें अक्सर नेताओं पर लगती रहती हैं। इन आरोपों से बचने के लिए पार्टी ने दूसरे जिले के नेताओं को नगरीय निकाय चुनाव में प्रत्याशी चयन के लिए प्रभारी नियुक्त किया है। सभी को स्थानीय कार्यकर्ताओं, पूर्व अध्यक्षों, पार्षदों, पार्टी के ब्लाक अध्यक्ष व अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा कर प्रत्याशी चयन के निर्देश दिए गए हैं। 

अनुभव और जोश को तरजीह 
प्रत्याशी चयन के लिए जो प्रभारी बनाए गए हैं उनमें अनुभव और जोश का मिश्रण है। कई नगर पंचायतों में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को प्रभारी बनाया गया है तो कुछ जगहों पर पार्टी के युवा चेहरों को प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया है। प्रत्याशी चयन के लिए नियुक्त किए गए प्रभारियों से एक बात तो साफ है कि नगरीय निकाय चुनाव के लिए कांग्रेस इस बार युवा और वरिष्ठ नेताओं पर अपना दांव लगा सकती है।