पहलगाम आतंकी हमला: पर्यटकों पर फायरिंग, 1 की मौत, 12 घायल, सुरक्षाबलों ने हमले के बाद सर्च ऑपरेशन शुरू किया
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें एक व्यक्ति की मौत और कई लोग घायल हो गए। हमले के बाद सुरक्षाबलों ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया।

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने एक बड़ा हमला किया। ये हमला पहलगाम की बैसरन घाटी के ऊपरी इलाकों में हुआ, जहां पर्यटक घुड़सवारी कर रहे थे। आतंकवादियों ने अचानक इन पर्यटकों पर गोलीबारी की, जिससे एक पर्यटक की मौत हो गई और 12 लोग घायल हो गए। यह हमला बेहद कायराना था और आतंकवादियों ने इसे लक्षित तरीके से अंजाम दिया। पुलिस का मानना है कि यह हमला योजनाबद्ध था और आतंकवादी छद्मवेश में थे।
आतंकी हमले की घटना और उसका असर
हमला उस समय हुआ जब पहलगाम का यह क्षेत्र पर्यटकों से भरा हुआ था, और यह समय गर्मियों की छुट्टियों का था। एक महिला, जो हमले में बच गई, उस ने पीटीआई को बताया कि उनके पति को सिर में गोली लगी है और सात अन्य लोग भी घायल हुए हैं। महिला ने तुरंत मदद के लिए गुहार लगाई, और सुरक्षा बलों को इलाके में भेजा गया। घटना के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया और सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया।
#WATCH | Terrorist attack on tourists reported in Jammu & Kashmir's Pahalgam; Security Forces mobilised. Further details awaited.
— ANI (@ANI) April 22, 2025
(Visuals deferred by unspecified time) pic.twitter.com/z8g7rQeiUD
हमले का कारण और आतंकवादियों की पहचान
यह हमला विशेष रूप से चौंकाने वाला था क्योंकि जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में आतंकवाद का असर बहुत कम होता है, और पहलगाम उनमें से एक है। सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि हमलावर पुलिस यूनिफॉर्म में थे और उनकी संख्या 2 से 3 के बीच हो सकती है। आतंकवादियों के द्वारा गोली चलाने से यह मामला आतंकवादियों के किसी संगठित समूह द्वारा किया गया हमला प्रतीत हो रहा है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, TRF (The Resistance Front) आतंकी ग्रुप के हाथों इस हमले को अंजाम दिया जा सकता है।
हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ
जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा एजेंसी सूत्रों के मुताबिक, इस हमले के पीछे पाकिस्तान के आतंकवादियों का हाथ हो सकता है। खास बात यह है कि यह हमला उस समय हुआ जब पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर ने हिंदुओं के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए थे। इसके तुरंत बाद ही आतंकवादियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया। सरकारी सूत्रों ने दावा किया है कि यह हमला एक प्रतिक्रिया के रूप में किया गया हो सकता है, जिसमें आतंकवादियों को पाकिस्तान द्वारा उकसाया गया था। इसके अलावा, अमरनाथ यात्रा कुछ दिनों में शुरू होने वाली है, और इस दौरान सुरक्षा के लिहाज से पहलगाम और इसके आसपास के इलाके में तनाव रहता है।
सुरक्षा बलों की कार्रवाई और स्थानीय व्यापार पर असर
जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद्य ने इस हमले को चिंताजनक बताते हुए कहा कि पहलगाम का इलाका अमरनाथ यात्रा के दौरान बहुत महत्वपूर्ण होता है। अमरनाथ यात्रा का बेस कैंप पहलगाम में है और हजारों पर्यटक इस दौरान वहां आते हैं। अगर आतंकवादी पर्यटकों को निशाना बनाते हैं, तो इससे स्थानीय व्यापार पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। सुरक्षाबलों की टीमें घटना के बाद तुरंत मौके पर पहुंची और इलाके को घेर लिया। सीआरपीएफ की क्विक रिएक्शन टीम भी तैनात की गई, और सुरक्षाबल ऑपरेशन को आगे बढ़ा रहे हैं।
पीडीपी और भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया
इस हमले के बाद विभिन्न राजनीतिक नेताओं ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने हमले की कड़ी निंदा की और इसे कायराना हरकत बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह की हिंसा अस्वीकार्य है और इसे हर हाल में रोका जाना चाहिए। वहीं, भाजपा नेता रविंदर रैना ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि पाकिस्तानी आतंकवादियों ने निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाकर कायरता दिखाई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सेना और पुलिस आतंकवादियों को कड़ी सजा देंगे और हमले में शामिल लोगों को जल्द पकड़ा जाएगा।
पहलगाम और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति
यह हमला तब हुआ जब जम्मू-कश्मीर में पर्यटन के मौसम की शुरुआत हो रही थी। पहलगाम को एक प्रमुख टूरिस्ट डेस्टिनेशन माना जाता है, और यह हमला जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति पर सवाल उठाता है। आतंकवादियों द्वारा पर्यटकों को निशाना बनाना, खासकर एक लोकप्रिय और शांतिपूर्ण इलाके में, यह दर्शाता है कि आतंकवादी अब किसी भी स्थान को निशाना बना सकते हैं। यह घटना जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के पुनरुत्थान की ओर इशारा करती है, जबकि सुरक्षा एजेंसियां इस क्षेत्र में लगातार ऑपरेशन चला रही हैं