वित्तीय अनियमितता के दोषी दो पंचायत सचिव हुए निलंबित

रीवा | ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों में की गई वित्तीय अनियमितता के दोषी पाए गए दो पंचायत सचिवों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। जनपद पंचायत रीवा के सुपिया ग्राम पंचायत शिव प्रताप सिंह एवं हनुमना जनपद के ग्राम पंचायत ढावा तिवरियान सचिव सतेन्द्र सिंह की शिकायत के बाद कराई गई जांच में शासकीय राशि का आहरण करना पाया गया। जबकि निर्माण कार्य नहीं पाया गया। जनपद हनुमना एवं रीवा सीईओ द्वारा दिए गए प्रतिवेदन के बाद मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिपं स्वप्निल वानखेड़े ने दोनों सचिवों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

ग्राम पंचायतों में किए जाने वाले विकास कार्यों पर सरपंच एवं सचिवों ने जमकर भ्रष्टाचार किया है। उनके द्वारा किए गए निर्माण कार्य मैदानी स्तर पर भले ही न दिख रहे हों परंतु दस्तावेजों में निर्माण कार्य दर्शाकर लाखों रुपए की राशि का आहरण किया है। यह कोई पहला मामला नहीं है इसके पूर्व भी जिले के कई ग्राम पंचायतों में कराई गई भ्रष्टाचार की जांच में आधा सैकड़ा से ज्यादा सरपंच एवं सचिव दोषी पाए गए थे। जिपं सीईओ स्वप्निल वानखेड़े ने सरपंच, सचिव एवं रोजगार सहायकों को वसूली योग्य राशि जमा करने के निर्देश दिए गए थे।

गौर करने वाली बात यह है कि जिपं सीईओ द्वारा दिए गए इस निर्देश के बाद भी कई सरपंच, सचिव एवं रोजगार सहायकों ने वसूली योग्य राशि शासन के खाते में नहीं जमा की है। जिन्हें निलंबित किया जा चुका है। जनपद पंचायत रीवा के ग्राम पंचायत सुपिया सचिव शिव प्रताप सिंह की ग्रामीणों द्वारा 14 बिंदुओं पर शिकायत की गई थी। जिस पर जांच के निर्देश दिए गए थे। वहीं जनपद हनुमना के ढावा तिवरियान सचिव सतेन्द्र सिंह पर भी 15.82 लाख रुपए वसूली योग्य पाए गए थे। दोनों सचिवों को निलंबित कर इनका मुख्यालय जनपद कार्यालय किया गया है।

क्या था मामला
जनपद पंचायत रीवा के ग्राम पंचायत सुपिया सचिव शिवप्रताप सिंह की ग्रामीणों द्वारा 14 बिंदुओं पर शिकायत की गई थी। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत स्वप्निल वानखेड़े ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच के निर्देश दिए थे। ग्राम पंचायत सुपिया के निर्माण कार्यों का निरीक्षण जांच अधिकारी सीईओ जनपद रीवा तथा खण्ड पंचायत अधिकारी को बनाया गया था। जिसमें सचिव के विरुद्ध शासकीय कार्यों में लापरवाही तथा उपेक्षापूर्ण कार्य जिसमें सुदूर सड़क निर्माण कार्य, घाट निर्माण एवं सामुदायिक कूप निर्माण के अमानक स्तर तथा गुणवत्ता विहीन कार्य पाए गए। ऐसे में सीईओ जिपं को जांच अधिकारी द्वारा दिए गए प्रतिवेदन में 34 लाख 64 हजार रुपए वसूली योग्य राशि पाई गई थी। प्रतिवेदन के बाद जिपं सीईओ ने निर्माण कार्यों में बरती गई अनियमितता एवं लापरवाही की स्वेच्छाचारिता पर इन्हें निलंबित कर दिया गया है।

राशि को व्यय दर्शाकर नहीं कराया कार्य
जनपद पंचायत हनुमना के ग्राम पंचायत ढावा तिवरियान सचिव सतेन्द्र सिंह की शिकायतों में की गई जांच के बाद 15 लाख 82 हजार रुपए वसूली योग्य राशि पाई गई है। जिपं सीईओ श्री वानखेड़े ने हनुमना सीईओ को जांचकर्ता अधिकारी तथा खण्ड पंचायत अधिकारी जनपद हनुमना को प्रस्तुतकर्ता अधिकारी नियुक्त किया था। इनके द्वारा की गई जांच के बाद जो राशि वसूली योग्य पाई गई थी, उसे शासन के खाते में जमा करने के निर्देश दिए गए थे। निर्देश के बाद भी श्री सिंह द्वारा प्रतिवेदित वसूली राशि शासन के खाते में जमा नहीं की गई। जिला पंचायत सीईओ श्री वानखेड़े ने बिना निर्माण के संपूर्ण राशि व्यय किया जाना वसूली योग्य पाया है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में नियम, अनुशासन तथा नियंत्रण के प्रावधानों नियम 2011 के नियम 7 के तहत सचिव ढावा तिवरियान सतेन्द्र सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर इनका मुख्यालय जनपद पंचायत हनुमना नियत किया है। इस दौरान नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता रहेगी।

लापरवाही पर कार्रवाई के दिए थे निर्देश
ग्राम पंचायतों में किए गए निर्माण कार्यों की अनियमितता पर ठोस कार्रवाई करने के निर्देश पूर्व में ही जिला पंचायत सीईओ स्वप्निल वानखेड़े द्वारा दिए जा चुके हैं। शासन द्वारा विकास कार्यों के लिए दी जाने वाली पंचायतों के लिए राशि का सही उपयोग किए जाने के लिए सभी सचिवों को निर्देशित किया गया था। चौंकाने वाली बात यह है कि जिले की कुछ पंचायतों को अगर छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर ऐसी ग्राम पंचायतें हैं जिनमें पंचायत के खाते से राशि का आहरण तो कर लिया गया है परंतु जिस कार्य के लिए राशि निकाली गई है वह मौके पर कार्य ही नहीं कराया गया है। सुदूर सड़क, पीसीसी, मेड़ बंधान, आंगनबाड़ी भवन एवं मनरेगा के कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। सीईओ जिपं द्वारा लगातार की जा रही कार्रवाई के बाद कई सरपंच, सचिवों ने वसूली योग्य राशि जमा कर दी है परंतु कई अभी ऐसे हैं जिनके द्वारा राशि जमा नहीं की गई है।