भल्ला डेयरी फार्म: टीम गठित, गड़बड़ी के आरोपों की जांच करेगी कमेटी

सतना | बिना संसाधनों के जैविक व कार्बनिक खाद बनाकर सरकारी विभागों को करोड़ों की सप्लाई करने वाले सतना के भल्ला डेयरी फार्म की मुश्किलें बढ़ गईं है। 22 जुलाई को सतना एसएडीओ कृषि की टीम के द्वारा प्लांट के निरीक्षण और जांच प्रतिवेदन में उठाये गये सवालों के बाद फर्म द्वारा दिये गये उत्तर से मामला और भी गंभीर हो गया है। उत्तर संतोषजनक न पाये जाने के बाद एसडीओ द्वारा उप संचालक को पत्र भेजकर संबंधित फर्म के खिलाफ लाइसेंस निरस्त करने के साथ ही वैधानिक कार्रवाई की अनुशंसा की गई थी।इस पत्र के बाद उप संचालक द्वारा एसडीओ द्वारा उठाये गये बिन्दुओं के आधार पर मामले की जांच के लिये चार सदस्यीय दल का गठन किया गया है। कमेटी से 3 दिन में प्रतिवेदन मांगा गया है। माना जा रहा है कि विभाग के पास कार्रवाई करने के लिये पर्याप्त साक्ष्य हैं लेकिन प्रकरण को मजबूत बनाने के लिये जांच कराई जा रही है।

फर्म ने इस तरह किया घपला
शहर समीपी बदखर घूरडांग में भल्ला डेयरी फार्म के द्वारा जैविक कार्बनिक खाद का निर्माण किया जाता है। फर्म के खिलाफ काफी शिकायतों के बाद पिछले साल 22 जुलाई को एसडीओ कृषि सतना कालीचरण अहिरवार की अगुआई में कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा प्लांट का निरीक्षण किया गया था। दल के निरीक्षण में मौके पर एक भी वर्मी पिट अर्थ वर्म नहीं पाया गया। फर्म संचालकों द्वारा कोरोना के चलते उत्पादन एवं विक्रय बंद होने की जानकारी दी गई।

मौके पर मिले दस्तावेजों व  विक्रय रिपोर्ट में मार्च में 39.48 लाख की वर्मी कम्पोस्ट और 7 लाख की प्रोम खाद का विक्रय करना बताया गया। इसी रिपोर्ट में 3 लाख 85 हजार 905 बैग वर्मी कम्पोस्ट, 17 हजार 381 बैग कार्बनिक खाद एवं 61 हजार 90 बैग प्रोम खाद के भंडारण का उल्लेख किया गया। इसके बाद फर्म संचालकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था। भल्ला डेयरी फार्म द्वारा 30 जून को एक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें भीषण गर्मी की तेज धूप में भी 10 हजार वर्मी कम्पोस्ट निर्माण के साथ 2 लाख 74 हजार 386 बैग वर्मी कम्पोस्ट का भंडारण बताया गया।

इसके अलावा 1 करोड़ 22 लाख 75 हजार रूपए कीमत की वर्मी कम्पोस्ट बिक्री की जानकारी दी गई। जून माह में 5 लाख 53 हजार 465 रूपए की कार्बनिक खाद की बिक्री एवं 15 हजार 646 बैग का भंडारण बताया गया। इसी तरह 20 लाख 5 हजार रूपए की बिक्री के साथ 25 हजार 109 बैग प्रोम खाद का भंडारण बताया गया। इसी रिपोर्ट में अलग-अलग बैच नंबर का उल्लेख किया गया है। जुलाई 2020 में भी 24 हजार बैग वर्मी कम्पोस्ट निर्माण के साथ 71 लाख 14 हजार कीमत की वर्मी कम्पोस्ट एवं 1 करोड़ 26 लाख 9 हजार कीमत की प्रोम खाद विक्रय का भी उल्लेख किया गया है। इसके अलावा लाखों बैग खाद का स्टाक भी रिपोर्ट में उल्लेख किया, जबकि जांच के दौरान भौतिक सत्यापन में एक प्रतिशत का भी स्टॉक नहीं पाया गया था।

फर्म द्वारा प्रस्तुत किये गये उत्तर को एसडीओ कृषि द्वारा संतोषजनक नहीं पाया गया लिहाजा उनके द्वारा फर्म द्वारा की गई सप्लाई के लिए जांच टीम बनाने के साथ-साथ उत्पादन लाइसेंस निरस्त किए जाने की अनुशंसा की है। इस पत्र के प्राप्त होने के बाद शुक्रवार को उप संचालक कृषि द्वारा चार सदस्यीय जांच दल गठित किया गया है। टीम को 3 दिवस के अंदर प्रतिवेदन देने को कहा गया है। इस टीम का प्रभारी डीडीए कार्यालय में पदस्थ सहायक संचालक जयराम प्रसाद मिश्रा को बनाया गया है। टीम में बतोर सदस्य एसएडीओ सोहावल विष्णु त्रिपाठी, विषय वस्तु विशेषज्ञ अशोक निगम तथा एडीओ लेखराम सिंह शामिल हैं।

एसडीओ कृषि द्वारा कमेटी बनाकर भल्ला डेयरी फार्म की जांच कराने, लाइसेंस निलंबन व वैधानिक कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। इसके लिये गठित 4 सदस्यीय दल तीन दिन में प्रतिवेदन देगा। प्रतिवेदन के आधार पर विधि संम्मत कार्रवाई की जाएगी।
बहोरीलाल कुरील, उप संचालक कृषि