कम उम्र में जकड़ रहा शुगर, ब्लड प्रेशर के मरीज भी बढ़े
रीवा | अनियमित दिनचर्या और खानपान ने डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीज बढ़ा दिए हैं। शहर में हर वर्ष दोनों बीमारियों के नए पीड़ितों की संख्या में 5-10 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। इसे लेकर चिकित्सक भी हैरान हैं। चौकाने वाली बात यह है कि बुजुर्गों में होने वाली ये बीमारियां अब कम उम्र के लोगों को भी तेजी से अपने गिरफ्त में ले रही है। औसतन हर दिन तीन से चार नए मरीज सामने आ रहे हैं। हालांकि विशेषज्ञ चिकित्सकों का मानना है कि समय रहते मर्ज पकड़ में आए तो मरीज स्वस्थ्य हो सकता है।
चिकित्सकों के अनुसार बीपी और डायबिटीज की बीमारी को पहले अनुवांशिक कारणों से होना माना जाता था। जबकि, अब यह आधार नहीं रह गया है। बढ़ती भागदौड़, कामकाज का दबाव, दूषित खानपान, तनाव और नींद में कमी सहित अन्य कारणों से ये बीमारी बढ़ रही हैं। हालात यह है कि संजय गांधी अस्पताल व जिला अस्पताल का आकड़ा देखा जाए तो यहां पर हर दिन करीब 1 हजार से डेढ़ हजार मरीज ओपीडी में पहुंच रहे हैं। इनमें से करीब 500 मरीज केवल मेडिसिन विभाग के होते हैं। चिकित्सकों की माने तो इन मरीजों में से करीब 100 से अधिक मरीजों को ब्लड प्रेशर एवं डायबिटीज की शिकायत होती है।
मोटापा फैला रही बीमारी
डायबिटीज और बीपी की समस्या मोटे लोगों को आसानी से घेरती है। चिकित्सकों के अनुसार बच्चों, युवाओं व महिलाओं में फास्ट फूड, जंक फूड, सॉफ्ट ड्रिंक्स जैसी खाद्य सामग्रियों का सेवन बढ़ा है। मोबाइल और इंटरनेट के उपयोग के बीच कसरत और नींद कम हो गई है। इससे लोग मोटापे का शिकार हो रहे हंै।
बार-बार पेशाब लगना, वजन कम होना, हाथ पैर में झुनझुनी, मुंह सूखना व बार-बार प्यास लगना, अचानक चक्कर आना, आंखों के सामने अंधेरा छाना, बच्चों में उल्टी, पेट में दर्द, सांस फूलना। वहीं बीपी की मुख्य वजह आॅइली फूड खाना, कॉलेस्ट्रॉल बढऩा, तनाव में रहना, काम का अधिक दबाव, किसी बात को लगातार सोचना, अकारण परेशान होना बताया गया है।
डायबिटीज पहले 40 वर्ष की आयु के बाद होती थी। यह अनुवांशिक मानी जाती थी, लेकिन अब मोटापे के कारण 15-16 वर्ष के बच्चों में भी लक्षण मिल रहे हंै। अनुमान है कि शहर में हर वर्ष करीब 5 प्रतिशत तक डायबिटीज के मरीज बढ़ रहे हैं। इसी प्रकार ब्लड प्रेशर भी कम उम्र के लोगों में होने लगा है। इन बीमारियों से बचने के लिए नियमित व्यायाम करना चाहिए। इसके साथ ही खानपान में भी सावधानी बरतनी चाहिए। कोई लक्षण सामने आए तो बिना समय गवांए चिकित्सकों के पास जाना चाहिए, जिससे समय रहते इन बीमारियों से निजात पाया जा सके।
डॉ. राकेश पटेल, मेडिसिन रोग विशेषज्ञ