मोदी सरकार से MP को मिलेंगे 44255 करोड़, पढ़िए किन विभागों को मिलेगा कितना पैसा
केंद्र सरकार की तरफ से संचालित योजनाओं के लिए मध्यप्रदेश को दिए जाने वाले फंड का ऐलान कर दिया है. जिससे एमपी सरकार को बड़ा फायदा होने वाला है.

केंद्र सरकार की तरफ से संचालित योजनाओं के लिए मध्यप्रदेश को दिए जाने वाले फंड का ऐलान कर दिया है. जिससे एमपी सरकार को बड़ा फायदा होने वाला है. क्योंकि चालू वित्तीय वर्ष में मोदी सरकार मोहन सरकार को करीब आठ हजार करोड़ रुपए देने का फैसला किया है, हालांकि यह अलग-अलग किस्तों में दिया जाएगा, लेकिन यह अगले साल 31 मार्च से पहले भुगतान कर दिया जाएगा. फिलहाल मोदी सरकार की तरफ से मध्यप्रदेश को 44255 करोड़ का फंड मिलने वाला है, जिसे अलग-अलग विभागों में संचालित योजनाओं में दिया जाएगा.
एमपी और केंद्र का संयुक्त बजट
एमपी और केंद्र सरकार का संयुक्त क्रियान्वयन के लिए कुल बजट 68519.05 करोड़ रुपए है, जिसमें प्रदेश और केंद्र सरकार की योजनाओं का संचालन किया जाता है. जिसमें इस साल मध्यप्रदेश को 44255.33 करोड़ रुपए केंद्र सरकार की तरफ से दिया जाएगा, जबकि 24263.71 करोड़ रुपए राज्य सरकार की तरफ से मिल जाएगा और फिर इसमें केंद्र और प्रदेश से मिलकर चलने वाली योजनाओं को संचालन होगा. हालांकि अभी केंद्र सरकार की तरफ से संचालित की जा रही और योजनाओं का बजट नहीं आया है, बताया जा रहा है कि उसके बजट का प्रावधान भी अलग से किया जा सकता है, जिसका पैसा केंद्र सरकार से अलग मिलेगा.
बीते एक महीने में केंद्र सरकार ने मोहन सरकार को 283 करोड़ रुपए दिए हैं, इसमें लोक निर्माण विभाग, किसान कल्याण और कृषि विकास विभाग को 39.14 करोड़ रुपए मिला है, जबकि वित्त विभाग को भी 217.07 करोड़ रुपए मिला है. जिसका खर्च किया जाना है. बता दें कि 2024-25 में मोदी सरकार ने केंद्रीय बजट में मोहन सरकार को 37652 करोड़ रुपए देने का प्रावधान किया था, लेकिन इसमें 16155 करोड़ कम मिले थे, प्रदेश को केवल 21497 करोड़ रुपए ही मिले थे.
इन विभागों को मिलेगा सबसे अधिक फंड
इस पैसे में सभी विभागों को फंड मिलेगा, लेकिन ग्रामीण विकास विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग और स्कूल शिक्षा विभाग को सबसे ज्यादा फंड दिया जाएगा. इसके अलावा भी दूसरे सभी विभागों को फंड मिलेगा. लेकिन चार विभाग ऐसे हैं जिनके हिस्से में ज्यादा कुछ नहीं आने वाला है. इनमें पर्यटन संस्कृति विभाग, वित्त विभाग और भोपाल गैस त्रासदी विभाग शामिल है.