MP NEWS : भ्रष्टाचार करो, अच्छी पोस्टिंग लो

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहते हैं कि न खाऊंगा न खानें दूंगा। लेकिन मध्यप्रदेश में सब अजब-गजब है। यहां पर अधिकारी भ्रष्टाचार करता है, निलंबित होता है और घूस देकर अच्छी पोस्टिंग ले लेता है।

भोपाल. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहते हैं कि न खाऊंगा न खानें दूंगा। लेकिन मध्यप्रदेश के पीएचई विभाग में इसका उलटा हो रहा है कि खाऊंगा भी, काम भी नहीं करूंगा और मनचाही पदस्थापना भी लूंगा। हम बात कर रहे हैं पीएचई विभाग के कार्यपालन यंत्री त्रिलोक सिंह बरकडे की। भ्रष्टाचार और कार्य में लापरवाही के मामले में सीधी लोकस्वास्थ यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री बरकडे को 22 अप्रैल को निलंबित किया गया था।

जिस जिले से निलंबित हुए वहीं हुई पदस्थापना

पन्द्रह दिन बाद बरकडे इतने अच्छे अधिकारी हो गए कि जिस जिले में हुए घटिया कार्यो तथा लापरवाही के कारण उन्हें निलंबित किया गया था। वही उन्हें फिर पदस्थ कर दिया गया। साथ ही विभाग को 250 करोड़ की राशि भी कार्यो के लिए दे दी गई। प्रदेश के इतिहास में शायद पहली बार ऐसा हुआ कि जिस जिले के काम की धीमी गति के कारण उन्हें निलंबित किया गया था। वही फिर पदस्थ कर दिया गया। यह हाल है केन्द्र सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना जल निगम के कार्यो की। ऐसे में मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार पर लगाम कैसे लगेगी। इस बात का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। चह भी जिसकी राशि केन्द्र सरकार द्वारा दी जाती है। उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को  जल जीवन मिशन की कार्य की रफ्तार धीमी पर  बरकडे को निलंबित किया गया था। साथ ही 11 अन्य इंजीनियरों को नोटिस जारी किया गया था। 

जांच रिपोर्ट में माना-बरकड़े ने ठेकेदार से ली थी रिश्वत

सिंगरौली में पदस्थ इंजीनियर बरकड़े पर घूस लेने का आरोप है। उन्होंने रिश्वत की राशि एक ठेकेदार से ली है। खास बात यह कि घूस भी कैमरे के सामने ली है। उन्हें घूस लेते हुए कैमरे में कैद करने का काम पब्लिक वाणी की टीम ने किया है। मामले का खुलासा होने के बाद प्रमुख सचिव ने मामले की जांच के निर्देश विभाग के प्रमुख अभियंता को दिए थे। प्रमुख अभियंता ने जांच रिपोर्ट प्रमुख सचिव को सौंप दी है। जांच रिपोर्ट में घूस लिए जाने की पुष्टि हो गई है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद बरकड़े को निलंबित किया गया था।