CG NAN Scam : नान घोटाले में दो पूर्व IAS सहित तीन पर केस दर्ज

नान घोटाले मे सीबीआई ने तीन सीनियर अफसरों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इनमें तत्कालीन सरकार में प्रधान सचिव डॉ.आलोक शुक्ला रिटायर्ड ,संयुक्त सचिव अनिल टुटेजा रिटायर्ड  और महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा का नाम शामिल है। 

CG NAN Scam : नान घोटाले में दो पूर्व IAS सहित तीन पर केस दर्ज
image source : google

रायपुर. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने नागरिक आपूर्ति निगम (नान) घोटाले में दो पूर्व IAS और तत्कालीन महाधिवक्ता के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। सीबीआई ने यह एक्शन छत्तीसगढ़ सरकार की जारी अधिसूचना के बाद भारत सरकार के तरफ से जारी अधिसूचना के अनुसरण में लिया है। इनमें तत्कालीन सरकार में प्रधान सचिव IAS डॉ.आलोक शुक्ला (रिटायर्ड) ,IAS संयुक्त सचिव अनिल टुटेजा (रिटायर्ड) और महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा का नाम शामिल है। 

सीबीआई का इन अफसरों पर अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप है। इन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर आर्थिक अपराध शाखा/एसीबी, रायपुर में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर संख्या 9/2015 और एनएएन मामले के आधार पर दर्ज प्रवर्तन निदेशालय के मामले में चल रही कार्रवाई को प्रभावित किया। आरोप है कि आयकर विभाग की ओर से जब्त डिजिटल साक्ष्यों के अनुसार, आरोपियों ने मामलों में कार्रवाई को कमजोर करने की कोशिश किए हैं।

अनिल टुटेजा, आलोक शुक्ला और सतीश चंद्र के खिलाफ FIR दर्ज

नान घोटाले मे सीबीआई ने तीन सीनियर अफसरों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इनमें तत्कालीन सरकार में प्रधान सचिव डॉ.आलोक शुक्ला रिटायर्ड ,संयुक्त सचिव अनिल टुटेजा रिटायर्ड  और महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा का नाम शामिल है।  ये तीनों अधिकारी तत्कालीन सरकार में बड़े पदों पर पदस्थ थे। यह एफआईआर एसीबी की पूर्व में दर्ज रिपोर्ट के आधार पर की गई है। एफआईआर में दर्ज आरोपों के अनुसार, यह मामला आपराधिक षड्यंत्र, लोकसेवक द्वारा रिश्वत लेना, निजी व्यक्ति द्वारा लोकसेवक को रिश्वत देना, आपराधिक कदाचार, झूठे साक्ष्य गढ़ना, साक्ष्य छिपाना तथा जांच को प्रभावित करने की कोशिश से जुड़ा हुआ है।

ये था नागरिक आपूर्ति निगम घोटाला

छत्तीसगढ़ में नागरिक आपूर्ति निगम (नान) के जरिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली का संचालन होता है ।ACB ने 12 फरवरी 2015 को नान के मुख्यालय सहित अधिकारियों-कर्मचारियों के 28 ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था। छापे में करोड़ों रुपये कैश, कथित भ्रष्टाचार से संबंधित कई दस्तावेज, डायरी, कम्प्यूटर हार्ड डिस्क समेत कई दस्तावेज मिले।  आरोप था कि राइस मिलों से लाखों क्विंटल घटिया चावल लिया गया और इसके बदले करोड़ों रुपये की रिश्वत ली गई। चावल के भंडारण और परिवहन में भी भ्रष्टाचार किया गया। शुरुआत में शिव शंकर भट्ट सहित 27 लोगों के खिलाफ मामला चला। बाद में निगम के तत्कालीन अध्यक्ष और एमडी का भी नाम आरोपियों की सूची में शामिल किया गया। इस मामले में दो IAS अफसर अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला भी आरोपी थे।