भोपाल में मनी सर्कुलेशन के नाम पर बड़ा स्कैम, 200 करोड़ इंवेस्ट कराए, भेल के एक अधिकारी सहित कई सरकारी कर्मचारी शामिल, सरगना बैठा है विदेश
हमारी पब्लिक वाणी की टीम ने पिछले 8-10 दिन से लगातार इन एजेंटों से संपर्क करने का प्रयास किया। यहां तक की उनके घर पर भी गए ताकि उनका पक्ष भी प्राथमिकता से सामने आए लेकिन किसी ने कोई भी जवाब नहीं दिया।
भोपाल. देश की राजधानी भोपाल में मनी सर्कुलेशन के नाम पर एक बड़ा स्कैम चल रहा है। कई एजेंटों के जरिए भोपाल के कई स्थानों में भेल कर्मचारी से लेकर कई आम लोगों के करीब 200 करोड़ रूपये इन्वेस्ट कराए गए हैं। पब्लिक वाणी की टीम ने लंबे इन्वेस्टिगेशन के बाद भोपाल के 15 लोगों के नाम निकाले है, जिनके द्वारा लोगों से करोड़ों रुपये इन्वेस्ट कराए गए है। आपको सुनकर आश्चर्य जरूर लगेगा, लेकिन यह सत्य है कि भेल क्षेत्र में पढ़े लिखे अधिकारी भी इस जाल में उलझ गए हैं। भेल के कर्मचारियों को इस जाल में फंसाने में भेल का एक कर्मचारी शामिल है, जिसने पिछले कुछ माह में अकूत संपत्ति बनाई है। जबकि सरगना का अयोध्या नगर इलाके में कारोबार है। उसने कंपनी के लिए लगभग सौ करोड़ रूपये से अधिक का मनी सर्कुलेशन कराया है।
राजधानी में यह जाल न्यू मार्केट क्षेत्र से लेकर बिलखिरिया तक फैला है। 15 एजेंटों ने सरगना के माध्यम से लगभग 200 करोड़ रुपये का मनी सर्कुलेशन कराया। जांच में यह बात सामने आई कि जिन लोगों ने पैसा एजेंटों को दिया है, वे डर के मारे कुछ बोल नहीं पा रहे हैं, क्योंकि यह राशि नंबर दो की कमाई हो सकती है। इसलिए नगद राशि देकर ब्याज ले रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इस मामले में एसटीएफ ने इंदौर में एक प्रकरण दर्ज किया है, लेकिन मामले में शामिल लोगों तक अभी पूरी तरह से पहुंच नहीं पाई है। पीड़ितों ने नाम न उल्लेख करने की शर्त पर एजेंटों की पूरी जानकारी दे दी है, जिसका अभी खुलासा किया जाएगा कि किस एजेंट ने किस किस से कितने का मनी सर्कुलेशन कराया है।
क्या है मामला
जल्द अमीर बनने की चाहत में कहीं आप भी किसी के झांसे में तो नहीं आ गए। जी हां, भोपाल में 10 प्रतिशत महीने के ब्याज का लालच देकर कई एजेंटों ने करोड़ों रूपये लोगों के इन्वेस्ट कराए हैं। इसमें सरकारी अधिकारी, कर्मचारी से लेकर आम आदमी तक शामिल हैं। मामला सामने आने के बाद एसटीएफ और ईडी के डर से पीड़ित सामने आने से डर रहे हैं और खुद को बचाने की मीडिया से गुहार लगा रहे हैं। इस पूरे केस में एसटीएफ ने करीब 12 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और जल्द ही इन सभी की गिरफ्तारी हो सकती है। पब्लिक वाणी की टीम ने डेढ़ महीने तक पड़ताल कर कई ऐसे अहम सबूत निकाले हैं जिसके सामने आने के बाद इन्वेस्टरों में हड़कंप की स्थित्ति मच सकती है। पूरे स्कैम का नेटवर्क देश कई राज्यों में फैला हुआ है और भोपाल में कई एजेंट सक्रिय होकर शासन और प्रशासन की आंख में धूल झोंककर महीने के करोड़ों रूपये कमा रहे हैं।