मधुबनी की धरती से देश को संदेश: आतंक पर सख्त रुख और विकास की नई राह

प्रधानमंत्री मोदी ने मधुबनी में पहलगाम आतंकी हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दी और आतंकवाद पर कड़ा संदेश दिया। अमृत भारत एक्सप्रेस और नमो भारत रैपिड रेल का उद्घाटन कर विकास की नई सौगातें दीं। मखाना बोर्ड, मनरेगा फंड और बाढ़ राहत योजनाएं क्षेत्रीय विकास को समर्पित रहीं।

मधुबनी की धरती से देश को संदेश: आतंक पर सख्त रुख और विकास की नई राह

मधुबनी, बिहार — राष्ट्रीय पंचायत राज दिवस के अवसर पर 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मिथिलांचल आगमन सिर्फ एक राजनीतिक दौरा भर नहीं था, यह एक ऐसा क्षण था जहां विकास, संवेदना और राष्ट्रीय सुरक्षा का संगम दिखाई दिया। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की छाया इस पूरे आयोजन पर स्पष्ट रूप से छाई रही, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया।


पहलगाम हमले पर शोक और संकल्प

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में पहलगाम हमले में मारे गए निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा:

"22 अप्रैल को कश्मीर में आतंकियों ने जो निर्दोष लोगों की हत्या की है, वह बहुत ही दुखद है। पूरा देश इस दुख की घड़ी में पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा है। इस हमले में किसी ने अपना बेटा खोया, किसी ने भाई और किसी ने अपना जीवनसाथी।"

सभा में उपस्थित हजारों लोगों ने प्रधानमंत्री के आह्वान पर मौन रखकर दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि दी। इस भावनात्मक क्षण ने दर्शाया कि देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा:

"मैं साफ-साफ कहना चाहता हूं—जिन्होंने यह हमला किया है, उन्हें इतनी बड़ी सजा मिलेगी जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी। आतंकवादियों की बची हुई जमीन भी अब खत्म कर दी जाएगी। आतंक के सरगनाओं की कमर तोड़ दी जाएगी और हर आतंकी को सजा जरूर मिलेगी।"


सादगी के साथ कार्यक्रम, लेकिन संदेश मजबूत

पहलगाम की घटना के मद्देनज़र इस बार पीएम मोदी के कार्यक्रम में पारंपरिक स्वागत की परंपराओं जैसे मखाना की माला, पाग (पगड़ी), और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को टाल दिया गया। पूरे आयोजन को एक औपचारिक एवं शोक-संवेदनशील रूप में प्रस्तुत किया गया।


विकास की रेलगाड़ी: अमृत भारत एक्सप्रेस और नमो भारत रैपिड रेल का उद्घाटन

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर अमृत भारत एक्सप्रेस और नमो भारत रैपिड रेल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह कदम बिहार में आधुनिक परिवहन के युग की शुरुआत की ओर इशारा करता है। उनके साथ मंच पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह भी मौजूद थे।


मखाना बोर्ड और मनरेगा: क्षेत्रीय विकास और रोजगार पर फोकस

प्रधानमंत्री ने मिथिलांचल के लिए मखाना बोर्ड की स्थापना की घोषणा की, जो न केवल क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि किसानों को आर्थिक लाभ भी देगा। साथ ही, मनरेगा के तहत बिहार को 2,102.24 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी करने की जानकारी देते हुए उन्होंने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने का संकेत दिया।


मिशन 2025: राजनीतिक नजरिया और सीटों की गणित

2025 विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए की नजर मिथिलांचल की 60 सीटों पर है, जिनमें 2020 में अधिकांश पर भाजपा-जेडीयू गठबंधन का कब्जा था। पीएम मोदी का यह दौरा केवल विकास और संवेदना का नहीं, बल्कि राजनीतिक मजबूती और जनसमर्थन की परख का अवसर भी था।


निष्कर्ष: संवेदना, संकल्प और सशक्तिकरण

मधुबनी से देश को जो संदेश गया, वह केवल एक चुनावी घोषणा नहीं थी। यह एक राष्ट्रीय भावना, एक शोक और एक मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति की अभिव्यक्ति थी। पहलगाम के शहीदों को श्रद्धांजलि और जनता को विकास की सौगात के साथ, प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कर दिया कि भारत आतंक से नहीं डरेगा और विकास की रफ्तार नहीं रुकेगी।