सिरमौर जनपद पंचायत में सियासी संकट पर लगी लगाम, असंतुष्ट सदस्यों की घरवापसी
सिरमौर जनपद पंचायत में बीते कुछ दिनों से चल रही सियासी हलचल अब शांत होती दिखाई दे रही है। जनपद अध्यक्ष रवीना साकेत के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर उठे विवाद को भाजपा संगठन की सक्रियता से नियंत्रित कर लिया गया है।

रीवा। सिरमौर जनपद पंचायत में बीते कुछ दिनों से जारी सियासी उठापटक फिलहाल थमती नजर आ रही है। जनपद अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले अधिकांश सदस्यों ने अब नरम रुख अपनाते हुए संगठन के साथ मिलकर आगे काम करने की सहमति जता दी है। भाजपा संगठन की सक्रियता और वरिष्ठ नेताओं की पहल से हालात पर नियंत्रण पाया गया है।
बता दे जनपद पंचायत के 25 में से 19 सदस्यों ने अध्यक्ष रवीना साकेत के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सौंपते हुए उन पर गंभीर आरोप लगाए थे। इनमें कार्य में पारदर्शिता की कमी से लेकर कथित कमीशनखोरी जैसे आरोप शामिल थे, जिसने राजनीतिक तापमान को अचानक बढ़ा दिया।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भाजपा संगठन ने हस्तक्षेप किया और सभी असंतुष्ट सदस्यों को रीवा बुलाया गया। जहां प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला, सिरमौर विधायक दिव्यराज सिंह और भाजपा जिला अध्यक्ष वीरेन्द्र गुप्ता ने करीब दो घंटे तक व्यक्तिगत रूप से सभी जनपद सदस्यों से संवाद किया।
इस दौरान सदस्यों ने अपनी शिकायतें खुलकर रखीं, जिन पर नेताओं ने संयमपूर्वक चर्चा की। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में सिरमौर विधायक दिव्यराज सिंह ने कहा कि संगठन के प्रयासों से जनपद में एकता की भावना वापस लौट आई है। उन्होंने कहा कि जनपद परिवार की तरह होता है, असहमति स्वाभाविक है लेकिन उसका समाधान संवाद से ही निकाला जाना चाहिए।
बैठक में यह भी तय किया गया कि अध्यक्ष को अपनी कार्यशैली में सुधार का अवसर दिया जाएगा। यदि भविष्य में अपेक्षित बदलाव नहीं दिखाई देते हैं, तो संगठन दोबारा समीक्षा करेगा और जरूरी कदम उठाएगा। बता दें इससे पहले नाराज सदस्य सिरमौर विधायक निवास पर पहुंचकर अपनी नाराजगी जता चुके थे।
कई दिनों तक जनपद अध्यक्ष और अन्य सदस्यों के फोन स्विच ऑफ रहने से अटकलों का बाजार गर्म था। लेकिन अब संगठन की सक्रिय भूमिका से यह विवाद सुलझता दिख रहा है। जनपद सदस्यों ने भी माना कि कुछ निर्णय जल्दबाज़ी में लिए गए और संवाद की कमी ने हालात को बिगाड़ा।
जनपद की राजनीति में अचानक आए इस तूफान के थमने से विकास कार्यों को गति मिलने की उम्मीद है। हालांकि यह देखना बाकी है कि अध्यक्ष रवीना साकेत संगठन के इस भरोसे पर कितनी खरी उतरती हैं।