सीवर लाइन: 36 माह की थी गाइडलाइन, गुजरे 44 माह, काम महज 24 फीसदी

सतना | शहर में अमृत योजना के तहत बिछ रही सीवर लाइन अब लोगों के लिए अभिशाप बनती जा रही है। जून 2017 से शुरू हुआ यह कार्य 44 माह बाद भी 50 फीसदी के आंकड़े को पार नहीं कर पाया है। दरअसल शहर में 495 किलोमीटर की सीवर लाइन 36 माह में डाली जानी थी जिसका समय बीत चुका है और वर्तमान कार्य को देखते हुए यह नहीं कहा जा सकता है कि यह काम अगले 10 सालों में भी पूरा हो पाएगा या नहीं। यही बात बुधवार को स्वयं नगर निगम आयुक्त तन्वी हुड्डा ने सीवर लाइन के कार्य को देखते हुए  अमृत योजना के कार्यों की समीक्षा के दौरान कही।

गौरतलब है कि अभी तक मात्र 24 फीसदी ही काम हुआ है जबकि 76 फीसदी काम अभी बाकी है। सीवर लाइन डालने के काम में बरती जा रही लापरवाही पर नगर निगम आयुक्त तन्वी हुड्डा ने कहा कि अगर तीन सालों में महज 122 किमी पाइप लाइन डाली गई तो 495 किमी पाइप लाइन कितने सालों में डाली जाएगी? सीवर लाइन के आगे के काम की रोजाना  रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए आयुक्त तनवी हुड्डा ने इसके लिए मॉनीटरिंग अधिकारी भी नियुक्त किए। पहले फेस के कार्य की मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी नगर निगम के इंजीनियर मुकेश चतुर्वेदी को सौंपी गई है जबकि फेस 2 और 3 के कामों की मॉनीटरिंग पीडीएमसी के अधिकारी-कर्मचारी करेंगे। 

कार्य में तेजी लाएं 
मौजूदा कार्य से पूरी तरह से असंतुष्ट नजर आर्इं नगर निगम आयुक्त तन्वी हुड्डा ने सीवर लाइन के कार्य में लगी संविदा एजेंसी केके स्पन के जिम्मेदारों को कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। कार्य की धीमी गति पर सफाई देते हुए केके स्पन के कर्मचारियों ने कहा कि कई स्थानों पर चट्टान आने की वजह से देरी हो रही है, इसके अलावा कई अन्य बहाने बनाए गए, जिस पर आयुक्त ने स्पष्ट कहा कि बहानेबाजी नहीं काम में तेजी लाएं। 

फैक्ट फाइल 
2017 जून में शूरू हुआ था कार्य
36 माह में पूर्ण होना था
206 करोड़ की लागत
495 किमी डाली जानी है सीवर लाइन 
122 किमी लाइन अब तक डाली गई 
108 रोड रेस्टोरेशन का कार्य हुआ

ये बनाए गए मॉनीटरिंग अधिकारी 
फेस -1 : मुकेश चतुर्वेदी 
फेस -2 : पीडीएमसी 
फेस -3 : पीडीएमसी 

100 किमी रोड रेस्टोरेशन बकाया 
सीवर लाइन के अलावा अमृत के पेयजल से जुड़े घटक के कार्यों की भी समीक्षा की गई। इसमें पाया गया कि अमृत योजना के तहत शहर के 32 वार्डों में 385 किमी पेयजल सप्लाई लाइन डाली गई है जिसमें से अभी 100 किमी की रोड रेस्टोरेशन का कार्य बकाया है।