2006 मुंबई ट्रेन सीरियल ब्लास्ट केस में सभी 12 आरोपी बरी

मुंबई लोकल ट्रेन में 11 जुलाई 2006 को हुए भीषण सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को बड़ा और चौंकाने वाला फैसला सुनाया है।

2006 मुंबई ट्रेन सीरियल ब्लास्ट केस में सभी 12 आरोपी बरी

बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को 2006 के ट्रेन धमाकों के केस पर बड़ा फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट के सभी 12 आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि ये लोग निर्दोष हैं। जस्टिस अनिल किलोर और जस्टिस श्याम चांडक की स्पेशल बेंच ने निचली अदालत के फैसले को पलट दिया। हाई कोर्ट ने पांच महीने पहले इस मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

हाई कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ मामला साबित करने में पूरी तरह से विफल रहा है। यह मानना मुश्किल है कि आरोपियों ने अपराध किया। इसलिए उनकी सजा रद्द की जाती है।

जेल से तत्काल रिहा करने का आदेश

बेंच ने कहा कि वह पांच दोषियों को दी गई मौत की सजा और बाकी सात को दी गई आजीवन कारावास की सजा को बरकरार नहीं रखेगी। कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अगर आरोपियों को किसी और मामले में नहीं चाहिए तो उन्हें तुरंत जेल से रिहा कर दिया जाए।

7/11 मुंबई ट्रेन ब्लास्ट

11 जुलाई 2006 को ये बम धमाके हुए थे। उस दिन, एक ट्रेन के सात डिब्बों में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। इन धमाकों में 189 यात्री मारे गए थे और 824 घायल हो गए थे। ट्रायल कोर्ट ने 2015 में पांच लोगों को मौत की सजा और सात को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।